उत्तराखंड के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली रेल लाइन के लिए और सरकार ने एक नई विशेष योजना तैयार की है। दरअस दरअसल सरकार ने कर्ण प्रयाग ऋषिकेश रेल लाइन के लिए पहाड़ों को काटकर जो सुरंग बनाई जाएगी उस से लगभग 18 करोड़ तक का मलबा निकलने की संभावना है,
लेकिन यह मलवा लोगो और पर्यावरण के लिए मुसीबत नहीं बनेगा। इसी के लिए सरकार ने एक योजना बनाई है , इस योजना के तहत सरकार मंगलवार को इस तरह से डंपिंग करेगी जिस से मलबे को जंगल में चेंज किया।
केंद्र सरकार और रेल लाइन बनाने वाली एजेंसियों के अफसरों के अनुसार पर्यावरण और विकास कार्य को ध्यान में रखते हुए इस योजना को बनाया गया है , ताकि ऋषिकेश कर्णप्रयाग तक आने वाली रेल लाइन को आसानी से बनाया जा सके और इससे किसी भी प्रकार का प्राकृतिक नुकसान ना हो इसके अंतर्गत जितने भी मेन स्टेशन होंगे वही केवल जमीन के ऊपर दिखाई देंगे बाकी कम से कम वृक्षों को काटा जायेगा , पहाड़ों में लगभग 18000 पेड़ को ही काटा जाएगा ।
डंपिंग साइट से ऐसे बनाए जाएंगे जंगल : डंपिंग साइट को जंगलों में बदलने के लिए आईआईटी रुड़की के विशेष विशेषज्ञ भौगोलिक परिस्थितियों आज का आकलन कर के साइट के हिसाब से अलग-अलग प्लान स्ट्रक्चर प्लान किया है । उनके मुताबिक डंपिंग साइट जो मलवा यूज करने के लिए होगा वह यूज़ किया जाएगा और जो मलबा बचेगा उसे डंपिंग साइट में रखा जाएगा फिर डंपिंग साइट में पौधों को लगाकर हरा-भरा कर दिया जाएगा केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारी अजय कुमार और डॉक्टर योगेश गैरोला ने कहा कि योजना से पर्यावरण को नुकसान होगा।