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सेना में भर्ती होने की जो प्रक्रिया है वह और भी अब तक होने वाली है। कई लोग भर्ती में फर्जी डॉक्यूमेंट ले जाते हैं और फर्जी तरीके से अपनी भर्ती में जाते हैं तो इससे सेना का हाईकमान सख्त हुआ है और उन्होंने फैसला किया है कि सेना में भर्ती से पहले आंखों की पुतली फिंगरप्रिंट का डाटा भी चेक होगा ताकि पता लग सके की जो भर्ती होने वाला सैनिक है वह रियल है या उसने फर्जी डॉक्यूमेंट बनाए हैं।
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इससे पहले आपको बता दें कि सेना लगातार जो है वह भर्ती की प्रक्रिया को सख्त बनाने में लगी हुई है इससे पहले भी सेना ने जारी किया था कि जो साडे 21 वर्ष था वह उन्होंने 22 वर्ष किया है। और आंखों और फिंगरप्रिंट का डाटा चेक करने के लिए सब तरीके से इनका डाटा चेक किया जाएगा इसके लिए खास सैनिकों को भर्ती किया जाएगा सर जो सैनिक सेना भर्ती में हजारों युवा भर्ती होने के लिए आते हैं वह दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करते हैं लेकिन सेना को यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है की भर्ती के लिए जो शैक्षणिक दस्तावेज उन्होंने जमा किए हैं वह सही है या फर्जी है जिसके नाम से दस्तावेज होते हैं वह स्कूल या डिग्री पहले छात्रों का फोटो चस्पा नहीं होता था उंहें इसलिए मामले पकड़ में नहीं आते हैं लेकिन अब जो है फिंगरप्रिंट के उस से अब उनका आधार कार्ड से लिंक हो जाएगा जिससे पता लग जाएगा कि इस की रियल एज कितनी है या इनके जो डॉक्यूमेंट है वह फर्जी तो नहीं है।
ऐसे होगी जांच प्रक्रिया: सबसे पहले सेना में भर्ती होने वाले अभ्यर्थियों की नॉर्मल जो पहले होती थी दौड़ भाग लिया ऊंची कूद लंबी कूद ऐसी प्रक्रिया होगी इसके बाद जितने युवा टेस्ट को पास करेंगे उसके बाद जो मेडिकल होगा उस वक्त उनका आंखों की पुतली और फिंगरप्रिंट का डाटा दिया जाएगा उसके बाद मौजूद अभ्यर्थी के डाटा की पहचान उसके आधार कार्ड से की जाएगी और जैसे ही उनके आधार कार्ड से उनके डाटा का जांच होगा उनके डाटा का मिलन होगा तो उनको सेना के लिए उचित माना जाएगा और उनका जो है सेना में भर्ती किाया जाएगा।
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